Satyajit Ray Pather Panchali became India best film till date, was released in 1955 / Satyajit Ray की Pather Panchali बनी भारत की अब तक सर्वश्रेष्ठ फिल्म, 1955 में हुई थी रिलीज

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Satyajit Ray's Pather Panchali- India TV Hindi News

Image Source : TWITTER_FILMHISTORY
Satyajit Ray’s Pather Panchali

Highlights

  • सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म ‘पाथेर पांचाली’
  • 1955 में हुई थी रिलीज
  • दो बहनों की है कहानी

Satyajit Ray Pather Panchali became India best film: जब भी भारतीय सिनेमा की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर की बात की जाती है एक नाम जरूर सामने आता है, वह नाम है सत्यजीत रे का। जिन्होंने आज से तकरीबन 70-80 साल पहले ऐसी फिल्मों का निर्माण किया जो आज मिसाल बनी हुई हैं। अब सालों बाद जब भारतीय सिनेमा की 1 सर्वश्रेष्ठ फिल्म का चयन किया गया तो सत्यजीत रे फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ को इस खिताब से नवाजा गया है।  

दूसरे और तीसरे स्थान पर कौन 

सत्यजीत रे की 1955 की क्लासिक ‘पाथेर पांचाली’ को एफआईपीआरईसीआई-इंडिया (द इंडियन चैप्टर ऑफ इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स, एफआईपीआरईसीआई) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में अब तक की सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म का खिताब दिया गया। ऋत्विक घटक के 1960 के नाटक ‘मेघे ढाका तारा’ को दूसरे स्थान पर रखा गया, उसके बाद मृणाल सेन की ‘भुवन शोम’ (1969) को रखा गया।

10 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची 

एफआईपीआरईएससी आई ने सभी भाषाओं में भारतीय सिनेमा के इतिहास में शीर्ष 10 फिल्मों को सूचीबद्ध करते हुए ‘ऑल टाइम टेन बेस्ट इंडियन फिल्म्स’ की एक सूची निकाली। रे की 1955 की फिल्म ‘पाथेर पांचाली’, जो कि विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के 1929 के इसी नाम के बंगाली उपन्यास पर आधारित है, ने उनके निर्देशन की शुरुआत की।

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दो बहनों के संघर्ष की कहानी 

यह अपू त्रयी की पहली फिल्म भी थी। अब तक की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक के रूप में मानी जाने वाली, ‘पाथेर पांचाली’ नायक अपू और उसकी बड़ी बहन दुर्गा के बचपन के कष्टों को उनके गरीब परिवार के कठोर ग्रामीण जीवन के बीच दशार्ती है। इसके बाद ‘अपराजितो’ (1956) और ‘अपुर संसार’ (1959) आई।

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गुरु दत्त की ‘प्यासा’ भी है लिस्ट में 

अदूर गोपालकृष्णन की 1981 की मलयालम फिल्म ‘एलिप्पथयम’, गिरीश कासरवल्ली की 1977 की फिल्म ‘घटश्रद्धा’, और एम.एस. सथ्यू के ‘गर्म हवा’ ने क्रमश: चौथे, पांच और छठे नंबर पर जगह बनाई। रे की 1964 की फिल्म ‘चारुलता’ का नाम इस लिस्ट में सातवां था। आठवां स्थान श्याम बेनेगल की 1974 की फिल्म ‘अंकुर’ ने लिया, जबकि गुरु दत्त की ‘प्यासा’ (1954) और रमेश सिप्पी की ‘शोले’ (1975) ने क्रमश: नौवां और दसवां स्थान हासिल किया।

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