EduTech द्वारा किए गए प्रोग्राम को नहीं मिलेगी मान्यता, विज्ञापनों के बहकावे में आने से बचें | Programs made by EduTech will not get recognition, do not be fooled by advertisements

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5 घंटे पहले

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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने पीएचडी प्रोग्राम करने वाले स्टूडेंट्स को लेकर एक चेतावनी जारी की है। यूजीसी द्वारा जारी किए गए नोटिस में स्टूडेंट्स को विदेशी यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के सहयोग से EduTech कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लेने को लेकर आगाह किया गया है।

यूजीसी और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सार्वजनिक नोटिस में कहा है कि कमीशन उन ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम की डिग्री को मान्यता नहीं देगा, जिन्हें EduTech प्लेटफॉर्म द्वारा दिया गया है।

EduTech प्लेटफॉर्म से हासिल डिग्री पर उठे सवाल

हाल के दिनों में EduTech कंपनियों की बाढ़ आ गई है। अधिकतर कंपनियां ऑनलाइन डिग्रियां, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस करवा रही हैं। इनमें से अधिकतर कोर्स डिप्लोमा और सर्टिफिकेट मोड में होते हैं, जो स्किल पर आधारित होते हैं। इन कोर्सेज को इस तरह डिजाइन किया गया है, ताकि वर्किंग प्रोफेशनल्स भी इन्हें कर पाएं।

हालांकि, कई ऐसे EduTech प्लेटफॉर्म भी हैं, जो पीएचडी जैसे प्रोग्राम को ऑफर कर रहे हैं, जिसमें रिसर्च पेपर को पब्लिश करना जरूरी होता है। ऐसे में EduTech प्लेटफॉर्म से हासिल डिग्री पर सवाल भी उठ रहा है।

UGC नोटिस में क्या कहा गया?

नोटिस में कहा गया है कि भारत में उन्हीं पीएचडी डिग्री को मान्यता दी जाएगी, जो यूजीसी द्वारा बनाए गए नियमों और प्रोग्राम के रूल और स्ट्रक्चर को फॉलो करते हैं। नोटिस में कहा गया, ‘स्टूडेंट्स और आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे विदेशी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के सहयोग से EduTech कंपनियों द्वारा ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम के विज्ञापनों के बहकावे में न आएं।’

कमीशन ने आगे स्टूडेंट्स को ये सुनिश्चित करने की सलाह दी कि पीएचडी प्रोग्राम अप्रूच्ड होने चाहिए। कोई भी स्टूडेंट, जो पीएचडी करना चाहता है, वह एडमिशन लेने से पहले यूजीसी रेगुलेशन 2016 के अनुसार उन्हें वेरिफाई करे।

एडमिशन के लिए बदला क्राइटेरिया

यूजीसी ने कहा है कि सभी इंडियन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन को पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए मिनिमम स्टैंडर्ड और प्रोसिजर) रेगुलेशन 2016 द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना चाहिए।

मार्च 2022 में, कमीशन ने यूजीसी रेगुलेशन 2016 में संशोधन का प्रस्ताव दिया और सुझाव दिया कि पीएचडी के लिए 60 प्रतिशत एडमिशन यूजीसी नेट एग्जाम या यूजीसी नेट जेआरएफ एग्जाम क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स को दिए जाएंगे। वहीं, बाकी के 40 प्रतिशत एडमिशन संबंधित यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होगा।

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