पटना8 मिनट पहले
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सांसद रामकृपाल यादव और सुशील मोदी की फाइल फोटो।
राजद में मचे घमासान पर सत्ताधारी पार्टियों के नेता खूब बयानबाजी कर रहे हैं। जगदानंद सिंह और तेज प्रताप यादव के विवाद पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। इसके बहाने उन्होंने अपने साथ 7 साल पहले हुए अपमान को याद किया है। वहीं, पूर्व डिप्टी CM और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इसे सत्ता संघर्ष करार दिया है।
भाजपा से सांसद रामकृपाल यादव ने कहा है- ‘राजद में सीनियर नेताओं का सम्मान नहीं होता और मेरे साथ भी यही हुआ था।’ रामकृपाल यादव 2014 में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इससे पहले तक वह लालू यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते थे। यादव ने कहा- ‘जगदा बाबू ऐसे नेता हैं, जो पार्टी के लिए अपने बेटे के खिलाफ हो गए, लेकिन अब उन्हें ही लालू परिवार के लोग परेशान कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा- ‘राजद में यह नया नहीं है, मेरे साथ भी यही हुआ था।’
राजद के राजकुमारों में सत्ता संघर्ष तेज: सुशील मोदी
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने राजद में चल रहे विवाद को अलग तरीके से परिभाषित किया है। मोदी ने तेज प्रताप को राजद का बड़ा राजकुमार बताते हुए कहा- ‘पार्टी के बड़े राजकुमार के जगदानंद सिंह पर तीखे हमले की असल कहानी दल के भीतर जारी सत्ता संघर्ष है।’
उन्होंने तेजप्रताप के बयानों को अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को ज्यादा महत्व और पावर मिलने से उपजी हताशा करार दिया है। बयान जारी कर उन्होंने कहा- ‘राजद में दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह के बाद जगदानंद जैसे सीनियर, ईमानदार और प्रतिबद्ध व्यक्ति के साथ अमर्यादित व्यवहार जारी रहना, एक बड़े वर्ग को आहत करने वाला है।’
राबड़ी आवास से अपमान का घूंट पीकर निकले तेजप्रताप: