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- In 15 Days The Price Of Gold Fell By Rs 2,000, Silver Became Cheaper By 5 Thousand; 5 Gram Gold Coin Is Available For Around Rs 25,800
एक घंटा पहले
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धनतेरस के अवसर पर सोना और चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। 2 हफ्ते पहले के भाव से सोना करीब 2,000 और चांदी 5,000 रुपए सस्ती हो गई है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोशिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने कीमत 50,062 रुपए प्रति 10 ग्राम है। चांदी की बात करें तो ये 55,555 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
कैरेट के हिसाब से सोने की कीमत
कैरेट | भाव (रुपए/10 ग्राम) |
24 | 50,062 |
23 | 49,862 |
22 | 45,857 |
18 | 37,547 |
5 ग्राम सोने का सिक्का करीब 25,800 रु. में मिल रहा
मध्यप्रदेश के भोपाल के सराफा बाजार में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने के सिक्के की कीमत 51,525 रुपए है। इसके अलावा 5 ग्राम का सोने का सिक्का 25,762 रुपए में मिल रहा। वहीं चांदी का 10 ग्राम सिक्का 580 और 5 ग्राम का सिक्का 290 रुपए में मिल रहा है।
भोपाल में एक महीने पहले 10 ग्राम के सोने के सिक्के की कीमत करीब 53,000 रुपए थी। वहीं 2 हफ्ते पहले सोना 52,000 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी करीब 61,000 रुपए प्रति किलोग्राम थी। इस हिसाब से धनतेरस और दिवाली के अवसर पर सोना और चांदी कम दाम में खरीदने का यह काफी अच्छा मौका है।
ऑलटाइम हाई से सोना 6,300 और चांदी 24,000 रु सस्ता
फिलहाल सोना अपने ऑलटाइम हाई से करीब 6,345 रुपए प्रति 10 ग्राम रुपये सस्ता बिक रहा है। सोने ने अपना ऑलटाइम हाई अगस्त 2020 में बनाया था। उस वक्त सोना 56,200 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर तक चला गया था।
वहीं चांदी अपने उच्चतम स्तर से करीब 24,180 रुपए प्रति किलो की दर से सस्ता मिल रहा था। चांदी का अब तक का उच्चतम स्तर 79,980 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में जो लोग सोना या फिर चांदी खरीदने का मन बना रहे हैं, उनके लिए खरीदारी का यह सबसे अच्छा मौका साबित हो सकता है।
गोल्ड में निवेश करना कितना सही?
कई इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट सोने में निवेश न करने के लिए कहते हैं। वो कहते हैं कि यह एक डेड एसेट है जो आपको नियमित आय नहीं देता है। जबकि कुछ कम से कम 10-15% सोने को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाने को कहते हैं। उनका तर्क है कि यह एक साफ-सुथरा डायवर्सिफायर है। जब दूसरे एसेट महंगाई के खिलाफ हेज के रूप में काम नहीं करते तब सोना काम आता है। ये लंबे समय में अच्छा रिटर्न भी देता है। इंडियन हाउसहोल्ड फाइनेंसेज पर 2017 की तरुण रामादुरई रिपोर्ट बताती है कि औसत भारतीय परिवार के पास अपनी संपत्ति का लगभग 11% सोने के रूप में है।
दोनों ही पक्षों के पास अपनी-अपनी बात रखने के लिए डेटा उपलब्ध है। पिछले पांच वर्षों में सेंसेक्स और गोल्ड दोनों ने करीब 12% का एनुअल रिटर्न दिया है। हालांकि 10 साल के रिटर्न के मामले में सेंसेक्स काफी आगे रहा है। इस दोरान गोल्ड में करीब 6% का एनुअल रिटर्न मिला तो वहीं सेंसेक्स ने 13% का रिटर्न दिया है। 15 साल के रिटर्न पर नजर डाले तो सेंसेक्स ने 9% तो वहीं गोल्ड ने 12% के रेट से हर साल रिटर्न दिया है। दिसंबर 1980 और दिसंबर 2020 के बीच, 40 वर्षों में सोने का औसत वार्षिक रिटर्न 11% था। इस अवधि के दौरान भारत में एवरेज महंगाई दर लगभग 7.7% थी। यानी गोल्ड महंगाई को मात देने में कामयाब रहा है।
24 और 22 कैरेट में क्या फर्क होता है?
24 कैरट वाले गोल्ड को प्योरेस्ट गोल्ड कहते हैं। इसमें किसी प्रकार की दूसरे धातु की मिलावट नहीं होती है। इसे 99.9% शुद्धता का गोल्ड कहा जाता है। वहीं 22 कैरेट के गोल्ड में 91.67% प्योर गोल्ड और 8.33% दूसरे धातु होते हैं।
सोना खरीदने से पहले इन चार बातों का रखें ध्यान
धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन सोना खरीदकर निवेश की औपचारिक शुरुआत भी करते हैं। अगर आप भी धनतेरस या दिवाली पर सोना खरीदने या इसमें निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इन 4 बातों का ध्यान जरूरी रखें।
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। साथ में प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की डेट भी जरूर देख लें।

2. कीमत क्रॉस चैक करें
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई स्रोतों (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
3. भरोसेमंद ज्वेलर से खरीदें
ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि सोना हमेशा भरोसेमंद ज्वेलर से ही खरीदें। ऐसे ज्वेलर्स टैक्स जैसे वैधानिक अनिवार्यता का सही तरीके से पालन करते हैं। चूक होने पर उन्हें ब्रांड वैल्यू गिरने की चिंता रहती है।
4. रिसेलिंग पॉलिसी जान लें
कई लोग सोने को निवेश की तरह देखते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आपको सोने की रिसेल वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी हो। साथ ही संबंधित ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी पर भी स्टोर कर्मचारियों से बातचीत कर लें।