प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए कच्चे इस्पात की उत्पादन क्षमता को दोगुना किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गुजरात स्थित आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के प्रमुख संयंत्र के विस्तार के ‘भूमि पूजन’ समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शामिल हुए। यह संयंत्र सूरत जिले के हजीरा में स्थित है।
उन्होंने कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि पहले भारत को रक्षा क्षेत्र के लिए उच्च श्रेणी का इस्पात आयात करना पड़ता था लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ‘आईएनएस विक्रांत’ (पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत) बनाने में इस्तेमाल हुआ इस्पात भारत में ही बनाया गया था।
उन्होंने कहा, ”पिछले आठ वर्षों में सभी के प्रयासों से भारतीय इस्पात उद्योग दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।”