खगड़ियाएक घंटा पहले
खगड़िया जिले के चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के सन्हौली गांव से एक युवती को गांव के ही महिला ने दिव्यांग के हाथों बेच दिया था। परिजन ने 10 माह बाद अपनी पुत्री को बरामद कर लिया है। बरामद की सूचना चित्रगुप्त नगर पुलिस को दी है।
पीड़ित सन्हौली गॉव के वार्ड 6 निवासी डोमन राम की पुत्री रिमझिम कुमारी को गॉव के ही शांति देवी, पति चानो राम और उसकी पुत्री प्रीति देवी ने चप्पल खरीदने के बहाने बाजार ले गया था। जहां सभी लोगों ने जबरदस्ती रिमझिम को ट्रेन पर चढ़ाकर एक युवक को सौंप दिया। रिमझिम बीते 10 माह से लापता थी। काफी खोजबीन की गई। लेकिन पता नहीं चला। बीते 15 अक्टूबर को अननोन नंबर से फोन आया,बोली रिमझिम बोल रही हूं,पापा मैं सीतामढ़ी से बोल रही हूं, यहां सभी लोग मारपीट व प्रताड़ित करते हैं, जबरदस्ती एक विकलांग युवक से शादी कर दिया गया है। उसके बाद फोन कट गया।
मोबाइल नंबर के आधार पर सीतामढ़ी में खोजबीन की गई थी ।सीतामढ़ी के साहपुर थाना क्षेत्र के वरेता गॉव के वार्ड 5 निवासी विश्वनाथ राय के पुत्र सुजीत कुमार के यहां रिमझिम मिली। जब सुजीत से बेटी के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपकी बेटी को 70 हजार रुपया में एक महिला से खरीदे हैं। काफी विनती आरजू करने बाद सुजीत व उसके परिजन ने बेटी रिमझिम को वापस लौटाया। 1 फरवरी को चित्रगुप्त पुलिस ने एसडीईइन 18/22 मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस भी मामला की जांच में जुटी थी।
रिमझिम ने सुनाई पीड़ा की आपबीती
रिमझिम ने पिता को सीतामढ़ी से खगड़िया तक रास्ते में 10 माह में पीड़ा की आपबीती को सुनाई। जहां बोलते बोलते व सुनते-सुनते पिता फफक पड़ते थे। बताया कि बेचने के लड़का के घर वाले जबरदस्ती शादी कर लिया। उसके बाद जबरदस्ती काम करवाना। नहीं करने पर मारपीट,प्रताड़ित व गाली गलौज किया जाता था। फोन पर किसी से बात नहीं करने दिया जाता था। घर से निकलने पर पूरी तरह पाबंद था। 15 अक्टूबर को घर में कोई नहीं था, मोबाइल घर में ही था, चोरी छिपे खगड़िया पिता को फोन किए।