पीलीभीत के खपरैल गोटिया गांव में जल निकासी की नहीं व्यवस्था, सड़क पर भरा 3 फीट पानी | There is no drainage system in Pilibhit’s Khaprail Gotia village, 3 feet of water filled on the road

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पीलीभीतएक घंटा पहले

पीलीभीत में इन दिनों एक गांव बदहाली के आंसू रो रहा है। जहां ग्रामीणों के लिए सड़क पर चलना कुछ इस कदर भारी है कि लोग गंदे बदबूदार पानी में से गुजरने को मजबूर है। स्थानीय लोगों की मानें तो इसको लेकर कई बार शिकायतें की जा चुकी है लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं।

दरअसल 20 दिन पहले पीलीभीत जिले में हुई तेज मूसलाधार बारिश के बाद से शहर से सटे खपरैल गोटिया गांव की मुख्य सड़क पर पानी भरा हुआ है 20 दिन बाद भी सड़क पर 2 से 3 फीट पानी है जिसके चलते स्थानीय लोगों को आवाजाही में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार सड़क पर जलभराव के कारण वाहन व लोग हादसों का शिकार भी हो जाते हैं। लोगों का पूरे मामले पर दावा है कि इसको लेकर कई बार शिकायतें भी अधिकारियों के समक्ष की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

रेलवे विभाग के आधीन ने सड़क
खपरैल गोटिया गांव को जाने वाली सड़क रेलवे विभाग के आदमी ने यहां से चंद कदमों की दूरी पर ही रेलवे ट्रैक बना हुआ है ग्रामीणों की मानें तो रेलवे ट्रैक से सटे एक नाले को बीते दिनों बंद कर दिया गया है जिसके चलते अब उनके इलाके में भरा पानी पास नहीं हो पा रहा इसके चलते जलभराव की स्थिति लगातार बनी हुई है कई बार आला अधिकारियों से इस पूरे मामले की शिकायत हुई लेकिन अब तक कोई निस्तारण नहीं हो पाया।

गंदे पानी से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है।

गंदे पानी से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है।

बच्चों को स्कूल जाने में होती है समस्या
गांव के रहने वाले एक युवक ने बताया कि जलभराव के कारण एक तरफ जहां ग्रामीण परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को भी स्कूल जाने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बच्चे तो स्कूल जाना छोड़ चुके हैं। अभिभावकों को जब टाइम होता है तो वाहनों से बच्चों को स्कूल पहुंचा देते हैं। अन्यथा बच्चे घरों में ही पूरा दिन व्यतीत करते हैं।

संक्रमण का भी मंडरा रहा खतरा
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी बीमारियों को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और रोकथाम के लिए भी हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। वहीं गांव में बीते 20 दिनों से जलभराव के कारण यहां पानी से दुर्गंध आने लगी है। वहीं दूसरी तरफ मच्छरों की तादाद भी बढ़ने लगी है। स्थानीय ग्रामीण अब जलभराव की समस्या के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी चिंतित हैं।

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