पचंबा2 दिन पहले
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फंसा ट्रक व जर्जर राेड।
पचंबा वाया चितरडीह जमुआ रोड पर बुढ़वा तालाब के पास बना रेलवे अंडरब्रिज जानलेवा हाे चुका है। जहां से छाेटी-बड़ी तमाम गाड़ियां खतराें से हाेकर गुजरती है। जहां रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है, शाम होते ही अंडरब्रिज अंधेरे में डूब जाता है। शनिवार देर रात गुजर रहे माल लदे ट्रक का एक्सल अंडरब्रिज पर ही टूट गया, जिससे ट्रक करीब 16 घंटे तक फंसा रहा।
रविवार दोपहर बाद किसी तरह ट्रक को निकाला गया, उसके बाद आवाजाही शुरू हो पाई। अंडरब्रिज निर्माण के बाद पानी निकासी नाली पर लगाई गई लाेहे की जाली करीब दो सालाें तक ठीक रही, जब तक बड़े वाहनों के लिए अंडरब्रिज के रास्ते में नो एंट्री लगी रही।
लेकिन, सलैया स्टेशन रोड पूरी तरह से जर्जर हाेने के बाद सभी छोटे-बड़े वाहनों को अंडरब्रिज रोड से आने-जाने की अनुमति दे दी गई। बड़े वाहनों के गुजरने से नाली पर लगी लोहे की जाली मुड़कर नाली में धंस गई, जिससे यहां वाहन दुर्घटना आम हाे गयी है। शनिवार रात रोजाना की तरह नाै बजे नो एंट्री को नहीं खोला गया, बल्कि रात के एक बजे खोला गया।
इस दौरान रात में अंधेरे के बीच जर्जर अवस्था में नाली में धंसा हुआ जाली में माइका पाउडर लदा हुआ ट्रक जेएच 02बीजे-9260 फंस गया और रात भर फंसा ही रहा। जिससे वाहनों की आवाजाही न सिर्फ प्रभावित हुई, बल्कि लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्या कहना है ट्रक चालक का
ट्रक चालक सिराज का कहना है कि ट्रक में माइका पाउडर लोड कर दुर्गापुर के लिए निकला था। मगर पचम्बा के रेलवे अंडर ब्रिज के पास नो एंट्री में रुक गया।
रोजाना रात के नौ बजे नो एंट्री खोल दी जाती थी, मगर शनिवार को रात के एक बजे नो एंट्री खोली गई। अंडरब्रिज पर अंधेरा होने के कारण टूटी हुई जाली दिखी नहीं और गाड़ी के बीच वाला पहिया नाली में धंस गया, जिसके कारण एक्सेल टूट गया।
रेलवे प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही : ट्रक मालिक
ट्रक मालिक समसुद्दीन (जमुआ निवासी) का कहना है कि पचंबा बुढ़वा तालाब के पास स्थानीय प्रशासन नो एंट्री लगा रखी है और नगर निगम द्वारा प्रवेश शुल्क वसूला जाता है। पूर्व में सलैया स्टेशन रोड से बड़े वाहनों को जाने की अनुमति थी, मगर रोड पर बने गड्ढे के कारण वाहन की आवाजाही फिलहाल नहीं हो रही है। मुख्य पथ पर रेलवे अंडर ब्रिज से होकर सभी वाहनों का आना -जाना लगा रहता है।
शनिवार की रात नौ बजे के बजाय रात को एक बजे नो एंट्री खोली गई, जिसके कारण गाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रेलवे प्रबंधन और गिरिडीह जिला प्रशासन की लापारवाही के कारण नुकसान हुआ।