जिले के एकमात्र सूर्य मंदिर में छठ पूजा पर होगी महाआरती | Maha Aarti will be held on Chhath Puja in the only Sun temple of the district

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जामताड़ा5 मिनट पहले

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जामताड़ा का एकमात्र सूर्य मंदिर। - Dainik Bhaskar

जामताड़ा का एकमात्र सूर्य मंदिर।

शहर में लोक आस्था का केंद्र बन चुके जलीय सूर्य मंदिर में हर साल हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते है और छठ पर्व मनाते आ रहे है। मंदिर की निर्माता और मुख्य संरक्षक चमेली देवी ने कई अनसुने किस्से इस मंदिर से संबंधित साझा किया है। उन्होंने कहा की वर्ष 2005 में तत्कालीन विधायक विष्णु भैया जब चुनाव जीत कर रांची गये उस दौरान ही रांची से सटे बुंडू स्थित सूर्य मंदिर में अक्सर जाना होने लगा। ऐसे में उन्हें ख्याल आया कि हमारे जामताड़ा क्षेत्र के आस पास में सूर्य मंदिर नहीं है। इस बात को लेकर चमेली देवी ने अपने पति तत्कालीन विधायक दिवंगत विष्णु भैया के समक्ष सूर्य मंदिर बनवाने की बात की थी।

इसी बीच विष्णु भैया ने अपने गुरु महाराज शिव चैतन्य महाराज से इस विषय में राय मांगी जिसपर उन्होंने कहा कि प्रभु कि इच्छा होगी वही मंदिर बनेगा और वे स्वप्न देंगे। आश्चर्यजनक रूप से एक सप्ताह के अंदर चमेली देवी ने स्वप्न देखा। इसके बाद ही यह बात निश्चित हो गई की मंदिर घोष तालाब के किनारे ही बनेगा। इसी बीच तत्कालीन विधायक विष्णु भैया एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। चमेली देवी ने उनके हाथ से संकल्प लेकर मंदिर की नींव रखी और उस वर्ष चुनाव में स्व विष्णु भैया पुनः जीत कर रांची गये।

इस मंदिर का लोकार्पण वर्ष 2011 में हुआ जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा, मनोज तिवारी सहित कई कलाकार उपस्थित हुए थे। इसके साथ ही उस परिसर में शिव पार्वती मंदिर व यज्ञ कुंड का निर्माण भी करवाया। चमेली देवी ने बताया कि इस वर्ष बनारस के विद्वान पंडितों द्वारा भव्य गंगा आरती संध्या अर्घ व प्रातः अर्घ के पश्चात की जाएगी जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग पहुंचेंगे।

सूर्य मंदिर पंडित जी हृदय झा लोक आस्था का पर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिला में एक मात्र सूर्य मंदिर है। जहां महाआरती प्रसाद वितरण किया जाता है। पूर्व विधायक विष्णु प्रसाद भैया की बनाई हुई मंदिर है। यहां पर हजारों की संख्या में दूर-दूर से भक्त आते हैं। रविवार को संध्या में पहला अर्घ्य के साथ गंगा आरती आयोजन किया गया है। दूसरे दिन सोमवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के बाद गंगा आरती किया जाएगा। गंगा आरती दो दिन आयोजित की जाएगी।

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