जमशेदपुरएक घंटा पहले
जमशेदपुर में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और विधायक सरयू राय के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। दोनों ओर से लाठी-डंडे, कुर्सियों और टेंट के पाइप चले। समर्थकों ने एक दूसरे को दौड़ाकर पीटा है। घटना सिदगोड़ा सूर्य मंदिर के टाउन हॉल परिसर का है।
शुक्रवार देर शाम पुलिस की मौजूदगी में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समर्थकों के बीच लाठी-डंडे चले। इसमें भारतीय जनतंत्र मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव समेत एक दर्जन लोग घायल हो गए।
क्यों हुआ विवाद
सरयू और रघुवर समर्थकों में मंदिर परिसर में वर्चस्व को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही है। प्रशासन को पहले से आशंका थी यह विवाद हिंसक झड़प में बदल सकता है। रघुवर दास के नेतृत्व एवं चंद्रगुप्त सिंह के संरक्षण वाली सूर्य मंदिर कमेटी ने शनिवार को मंदिर परिसर स्थित मैदान में फल एवं छठ सामग्री वितरण का कार्यक्रम तय कर लिया था। दूसरी तरफ सरयू राय वाली मंदिर कमेटी की ओर से छठ व्रतियों के बीच फल वितरण एवं भजन कीर्तन का कार्यक्रम भी तय था।

दोनों गुट के लोग एक दूसरे के पंडाल को तोड़ने लगे।
एक जगह दोनों पक्ष के लोग टेंट लगा रहे थे। रघुवर दास के समर्थकों ने उसी मैदान में भजन संध्या का भी आयोजन किया था। जिसके लिए स्टेज का निर्माण हो रहा था। दोनों की ओर से एक-दूसरे के सामने कुर्सियांएक दूसरे के सामने बिल्कुल सटा कर लगाई गई थी। जगह को लेकर विवाद बढ़ा और रात आठ बजे एक पक्ष के लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी।
सरयू राय ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा
सरयू राय ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिख कर बताया कि जमशेदपुर में गुंडा दलों ने आज शाम हमला कर भाजमो अध्यक्ष एवं अन्य को घायल कर दिया। एक जिम्मेदार अधिकारी ने मुझे फोन पर कहा कि जो घायल हुए हैं, दोष उन्हीं का है। उनका कथन प्रथम-दृष्ट्या सही लगा। भला दबंगई, गुंडागर्दी, अत्याचार, अनाचार, भ्रष्टाचार नहीं सहने वाले से बड़ा दोषी आज कौन है?

सरयू राय का सोशल मीडिया पर पोस्ट।
वर्चस्व की लड़ाई
इस पूरे मामले पर अबतक रघुवर दास की प्रतिक्रिया नहीं आई है। मारपीट के बाद दोनों पक्ष सिदगोड़ा थाना पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। प्रशासन ने सिदगोड़ा टाउन हॉल परिसर के मेन गेट पर ताला लगा कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा कर दी।
सिदगोड़ा सूर्य मंदिर परिसर में 2002 से रघुवर समर्थकों (भाजपा) का वर्चस्व रहा है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के बनने के बाद सूर्य मंदिर कमेटी दो पक्षों में बंट गई। सरयू राय ने मंदिर परिसर स्थित परिसंपत्तियों के व्यवसायिक इस्तेमाल की शिकायत की थी। प्रशासन ने अधिकांश परिसंपत्तियों को अपने अधीन ले लिया और एक संचालन समिति बनाई जिसके संरक्षक सरयू राय बनाए गए हैं।