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नई दिल्ली20 मिनट पहले
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इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मंगलवार को देखा गया। दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर सबसे पहले चंद्रमा की छाया सूर्य पर आइसलैंड में पड़ी। देश की बात करें तो सबसे पहले अमृतसर में शाम 4.19 बजे ग्रहण दिखा। वहीं, मुंबई में शाम 6.09 बजे तक दिखाई दिया। देश के ज्यादातर हिस्सों में ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म हुआ। आइए तस्वीरों में इसे देखते हैं…
8 तस्वीरें: कैसा दिखा देश और बाकी दुनिया में सूर्य ग्रहण

चेन्नई के मरीना बीच पर स्थित महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ ली गई सूर्य ग्रहण की तस्वीर। इसमें बापू की छड़ी सूर्य को काटती नजर आई।

देश में सबसे पहले सूर्य ग्रहण अमृतसर में शाम 4.19 बजे नजर आया। यहां एक घंटे पैतालीस मिनट तक सूर्य पर चंद्रमा की छाया रही।

कश्मीर के श्रीनगर में रघुनाथ हिंदू मंदिर के पीछे आंशिक सूर्य ग्रहण कुछ ऐसे दिखा मानो मंदिर के कलश पर किसी ने चांद को बांध दिया हो।

ये आगरा स्थित ताज महल की तस्वीर है। यहां ग्रहण के समय सूर्य ताज महल की एक मीनार पर अटका दिखा।

दिल्ली में शाम 4:29 बजे सूर्य ग्रहण देखा गया। यहां सूर्य करीब 43% धुंधला दिखा। धुंध के कारण सूर्य की रोशनी मध्य हो गई। ऐसे में लगा कि आसमान पर दिन में चांद निकल आया है।

यूरोपीय देश जॉर्जिया में ग्रहण के समय दूरबीन से ली गई तस्वीर। यह ऐसी दिखी मानों सूर्य पर किसी ने पेंटिंग से प्लेन बना दिया हो।

बेल्जियम के आसमान में कुछ ऐसे बादल छाए कि ग्रहण बिना चकाचौंध के साफ नजर आने लगा। हालांकि, ऐसे बादलों में भी सूर्य को बिना पोलराइड चश्मे के देखना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।

ये पाकिस्तान के कराची की तस्वीर है। इसमें सूर्य इतना पीला नजर आ रहा है मानो इसे फिल्टर लगाकर लिया गया हो।
4 तस्वीरें: कैसे-कैसे देखा गया सूर्य ग्रहण

यूपी के मथुरा में एक व्यक्ति ने एक्स-रे के ऊपर धूप का चश्मा लगाकर सूर्य ग्रहण देखा। हालांकि, सूर्य ग्रहण को देखने का यह वैज्ञानिक तरीका नहीं है। इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।

मथुरा में श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान के दौरान एक्स-रे से आंशिक सूर्य ग्रहण देखा। ग्रहण को देखना का यह उपाय भी सुरक्षित नहीं है।

यह बेंगलुरु के नेहरू प्लेनेटेरियम की तस्वीर है। पिता और बेटी ने पोलराइड चश्मे से सूर्य ग्रहण देखा। सूर्य को देखने का यह तरीका बिल्कुल सुरक्षित है।

कोसोवो की राजधानी प्रिस्टिना में एक जगह पर सैकड़ों की तादाद में लोग सूर्य ग्रहण देखने के लिए जुटे। पोलेराइड चश्मा से लोगों ने आंशिक सूर्य ग्रहण देखा।
6 तस्वीरें: ग्रहण को धार्मिक मान्यताओं से जोड़ने की

तिरुवनंतपुरम में आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान पझावंगडी महा गणपति मंदिर को बंद कर दिया गया। श्रद्धालु पूजा करने के लिए कपाट खुलने का इंतजार करते रहे।

लेबनान के बेरूत में आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान मुस्लिमों ने इबादत की।

ग्रहण के बाद हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा आरती की गई। ग्रहण के बाद यहां गंगा स्नान का विशेष महत्व है, इसलिए आम दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ रही।

बनारस में भक्तों ने आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान गंगा में डुबकी लगाई। मान्यता है कि ग्रहण से अशुद्ध हुआ शरीर स्नान से पवित्र हो जाता है।

प्रयागराज में आंशिक सूर्य ग्रहण के बाद संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है इसलिए यहां स्नान का विशेष महत्व है।

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर में लोगों ने डुबकी लगाई। मान्यता है कि ग्रहण के बाद यहां स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है।

मेरठ जिले के धनेश्वर नाथ मंदिर में आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान श्रद्धालुओं ने हवन-यज्ञ के साथ पूजा की। कहा जाता है कि इससे ग्रहण के दोष दूर होते हैं।
और एक तस्वीर धार्मिक मान्यताओं को दरकिनार करने की

बेंगलुरु में आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान नास्तिक लोगों ने एक-दूसरे को समोसे खिलाए। जब तक ग्रहण का प्रभाव रहा, तब तक वे घाट पर बैठे रहे और खाना खाते रहे। इससे उलट हिंदू धर्म में मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।