गंगा और श्रद्धालुओं के बीच नाला, ​​​​​​निर्जला व्रत में कैसे होगी घाट तक की पैदल यात्रा | Nala between Ganga and devotees, how will the trek to the ghat be done in Nirjala Vrat?

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पटना27 मिनट पहलेलेखक: मनीष मिश्रा

कई घाटों पर बनाई गई सड़क पैदल चलने लायक नहीं है।

सरकार गंगा को पास लाने के लिए भगीरथ प्रयास कर रही है, लेकिन पटना में गंगा दूर होती जा रही हैं। हर बार की तरह इस बार भी घाटों को लेकर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन शहर से दूर होती गंगा के बीच नाला बड़ी बाधा बन गए हैं। सड़क से घाट की दूरी ऐसी है कि उबड़ खाबड़ रास्तों से अर्घ्य के लिए घाटों तक पहुंचना आसान नहीं है। लोक आस्था का महापर्व शुरु हो गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन की तैयारी पूरी नहीं हो पाई है। भास्कर की पड़ताल में घाटों की हाल बेहाल मिला है। सड़क से घाट के लिए बनाई गई सड़क भी श्रद्धालुओं को राहत देने वाली नहीं है, क्योंकि कई घाटों पर बनाई गई सड़क पैदल चलने लायक नहीं है, यहां बीमार और वृद्ध श्रद्धालुओं को वाहन से लाना खतरे से खेलना होगा।

105 घाटों पर होगी छठ पूजा

वर्ष 2022 में बाढ़ की विभीषिका के कारण प्रशासन ने पटना के 16 घाटों को खतरनाक घाषित किया है। पटना जिले में कुल 105 घाटों वा छठ पूजा होगी। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी का दावा किया है। प्रशासन का दावा है कि घाटों पर श्रद्धालु जनों के लिए पूरी व्यवस्था कर दी गई है। घाटों को जोड़ने के लिए अस्थाई संपर्क मार्ग भी बना लिए गए हैं, लेकिन भास्कर की पड़ताल में घाटों की स्थिति दयनीय पाई गई है। पटना के राजापुर पुल और बोरिंग कैनाल रोड के साथ बोरिंग रोड जैसे प्रमुख इलाकों के पास स्थिति पहलवान घाट पर घाट पर पहुंचना श्रद्धालुओं के लिए बड़ी चुनौती होगी। यहां मुख्य सड़क से घाट तक की दूरी लगभग 4 किलो मीटर होगी। मरीन ड्राइव से जुड़े इस घाट तक पहुंचने में श्रद्धालुओं की सांस उखड़ जाएगी, क्योंकि यहां जो रास्ता बनाया गया है वह पूरी तरह से समतल नहीं है। उबड़ खाबड़ रास्ते में किसी साधन से जाना भी मुश्किल है। पैदल घाट तक पहुंचना भी काफी मुश्किल है।

भास्कर की पड़ताल में प्रशासन की तैयारी काफी सुस्त दिख रही है।

भास्कर की पड़ताल में प्रशासन की तैयारी काफी सुस्त दिख रही है।

पहलवान घाट तक पहुंचने के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी होगी। मरीन ड्राइव और घाट के बीच में ननाला और पुल के कारण गंगा की दूरी बढ़ गई है। मरीन ड्राइव से लगभग 4 किमी दूरी का सफर तय करने के लिए श्रद्धालुओं को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। त्योहार शुरु हो गया है लेकिन अभी तक रास्ता पूरा नहीं हो सका है। मिट्टी की पटाई तो की गई है लेकिन वह भी पूरी तरह से बराबर नहीं है।

जानिए पटना के खतरनाक घाट

  • नारियल घाट
  • जेपी सेतु घाट पश्चिमी
  • बांस घाट
  • कलेक्ट्रेट घाट
  • महेंद्रू घाट
  • टी एन बनर्जी घाट
  • अंटा घाट
  • अदालत घाट
  • मिश्री घाट टेढ़ी घाट
  • गड़ेरिया घाट
  • नुरुद्दीनगंज घाट
  • भरहरवा घाट
  • महराज घाट
  • कंटाही घाट
  • गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट/किला घाट

घाटों की संख्या कम होने से बढ़ी मुश्किल

छठ को लेकर प्रशासन दावे बहुत कर रहा है, लेकिन प्रशासन के दावों पर नहीं जाना है। घाटों की संख्या कम होने से इस बारा काफी मुश्किल होगी। कम घाट होने के कारण प्रमुख घाटों पर पूर्व की अपेक्षा इस बार काफी भीड़ होगी। पटना के प्रमुख इलाकों के लिए बनाए गए पहलवान घाट के साथ भी ऐसा ही है। आस पास के बांस घाट और कलेक्ट्रेट घाट जैसे घाटों को खतरनाक घोषित करने के कारण इस बार पहलवान घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होगी, ऐसे में खराब रास्ता और सड़क से दूरी भारी पड़ेगी।

भास्कर की पड़ताल में प्रशासन की तैयारी काफी सुस्त दिख रही है। साज सज्जा पर थोड़ा काम किया जा रहा है, लेकिन बैरिकेडिंग और रास्ताें पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पहलवान घाट के लिए मरीन ड्राइव से नीचे उतरना काफी मुश्किल है। घाट तक का सफर सामान्य लोगों के लिए चुनौतियों भरा हो सकता है, ऐसे में निर्जला छठ व्रतियां कैसे घाट तक पहुंचेगी बड़ा सवाल है।

सुरक्षा के साथ कोरोना को लेकर अलर्ट

पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि ने दावा किया है कि छठ महापर्व को लेकर तैयारी पूरी की जा रही है। भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा व्यवस्था और कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने को लेकर निर्देश जारी किया गया है। इसके लिए दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों की बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है। रेलवे द्वारा सैकड़ों की संख्या में विशेष ट्रेन चलाने की व्यवस्था की गई है जिसका परिचालन दानापुर एवं पटना से किया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा, कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन एवं भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान है।

दावा किया जा रहा है कि पटना में विधि-व्यवस्था को लेकर 206 स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पटना सदर अनुमंडल में 116 स्थानों, पटना सिटी अनुमंडल में 80 स्थानों एवं दानापुर अनुमंडल में 10 स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया है। सभी एसडीओ एवं एसडीपीओ को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत विधि-व्यवस्था के लिए लगाया गया है। इनके साथ सशस्त्र बल, लाठी बल एवं महिला बल को भी लगाया गया है। सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को ससमय अपने ड्यूटी स्थान पर पहुंचने का निर्देश है।

43 वाच टावरों से निगरानी

पटना में छठ पूजा की निगरानी को लेकर 43 वाच टावर बनाए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि इन वाच टावरों से पूरी निगरानी की जाएगी। इस पर पर नागरिक सुरक्षा वालंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की गई है। छठ घाटों पर काम कराने के लिए पूरी व्यवस्था बनाने का जिम्मा एजेंसियों को दिया गया है। एजेंसियों का नियमित निरीक्षण करने और काम की प्रगति जानने के लिए अफसरों को लगाया गया है लेकिन काम की रफ्तार से लग रहा है कि मॉनिटरिंग में मनमानी हो रही है। हालांकि प्रशासनिक दावों की बात करें तो छठ घाटों को समय से दुरुस्त कर लिया जाएगा, लेकिन 3 दिन में काम पूरा कैसे होगा, यह बड़ा सवाल है।

प्रशासन ने पूरा काम एजेंसियों के भरोसे छोड़ दिया है। एजेंसियों की मनमानी पूरी व्यवस्था पर भारी पड़ जाएगी। हालांकि प्रशासन का दावा है कि मोटर वोट के माध्यम से रिवर पेट्रॉलिंग की व्यवस्था की गई है। कुल 18 नदी गश्ती दल प्रतिनियुक्त किया गया है। ये सभी मोटर लॉन्च, लाईफ जैकेट, गोताखोर एवं अन्य उपस्करों से लैस रहेंगे। नदी गश्ती दल द्वारा लगातार पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित की जाएगी कि नदी में कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी तरह से गड़बड़ी न करने पाए। 3 रिवर एम्बुलेंस भी तैनात किया गया है।

सुरक्षा को लेकर एक दावा ये भी

प्रशासन का दावा है कि नाविकों के साथ गोताखोरों को लगाया गया है। देशी नाव, नाविक, गोताखोर का 70 दल आपदा की आकस्मिकता से निपटने हेतु मुस्तैद किया गया है। 23 प्रखंडों में 289 नाव, 289 नाविक तथा 324 गोताखोर ड्यूटी पर हैं। एनडीआरएफ की 08 टीम तथा एसडीआरएफ की 05 टीम को तैनात किया गया है। कंट्रोल रुम में 4 तैराक, पटना शहरी क्षेत्रों के तालाबों के नजदीक आपदा की इमरजेंसी से निपटने के लिए 7 स्थानों पर 28 गोताखोरों को सभी संसाधनों यथा कांटा जाल, महाजाल एवं रस्सी सहित प्रतिनियुक्त किया गया है।

चयनित घाटों पर सिविल डिफेंस के 124 वॉलंटियर्स की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके साथ सभी एसडीओ को गोताखोरों, महाजाल एवं तैराकों को सुरक्षित रखने का निदेश दिया गया है। कंट्रोल रुम में चार पालियों में 55 सुरक्षित दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जेपी गंगापथ दीघा रोटरी तथा लॉ कॉलेज घाट पर मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां 11 पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है।

आपात काल में सुरक्षा का हाल

पटना सदर अनुमंडल सहायक नियंत्रण कक्ष में 37 दण्डाधिकारियों, पटना सिटी नियंत्रण कक्ष में 16 दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पटना सिटी क्षेत्र में पेट्रोलिंग के लिए 6गश्ती दल प्रतिनियुक्त किया गया है। कंट्रोल रुम के नंबर 0612-2219810/2219234/9431800675) एवं पटना सिटी अनुमंडलीय कंट्रोल रुम के 0612-2631813) एवं आपात सेवा के लिए 112 नंबर को 24 घंटे एक्टिव रखने का दावा किया जा रहा है। पर तुरत दें। जिला स्तर से त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इमरजेंसी के लजिए डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के साथ एम्बुलेंस सिविल सर्जन प्रतिनियुक्त करेंगे।

सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि 38 एम्बुलेंस आवश्यक संसाधनों के साथ तैनात रहेगा। पटना में लगभग 45 से ज्यादा तालाबों और इतनी ही संख्या में पार्क में भी छठव्रतियों के लिए व्यवस्था की गई है। प्रशासन के दावों के इतर बड़ी संख्या में अपार्टमेंट के छत पर भी लोगों द्वारा छठ किया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि टैंकर के माध्यम से घरों एवं कॉलोनियों में श्रद्धालुओं तथा छठव्रतियों के लिए गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है। पवित्र गंगाजल पहुंचाने के लिए दीघा पाटीपुल से नगर निगम के कुल 22 टैंकर को लगाया गया है।

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