अब बाबा बैद्यनाथधाम स्टेशन होगा जसीडीह का नया नाम, मिल गया 1874 का दस्तावेज, नामकरण की प्रक्रिया हुई शुरू

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देवघर: देश के कई रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक जगहों के नाम बदलने के बाद अब विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथधाम तक पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन जसीडीह के नाम को भी बदलने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ईस्टर्न रेलवे के जीएम अरुण अरोड़ा के एक पत्र का हवाला देते हुए ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है।

सांसद निशिकांत ने जीएम को लिखा था पत्र
जसीडीह स्टेशन का नाम बदलने को लेकर सांसद निशिकांत दूबे ने ईस्टर्न रेलवे के जीएम को पत्र लिख जसीडीह स्टेशन का नाम बदलकर बाबा बैद्यनाथधाम स्टेशन करने की मांग करते हुए कहा था कि, अगर इससे सम्बंधित दस्तावेज है तो उन्हें खोजा जाना चाहिए। और अगर दस्तावेज मिल जाएं तो, जसीडीह का नाम बदलकर बाबा बैधनाथधाम स्टेशन कर देना चाहिए।

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सांसद की मांग पर रेलवे ने निकलवाए दस्तावेज
सांसद की चिट्ठी मिलने के बाद ईस्टर्न रेलवे के जीएम अरुण अरोड़ा ने इस मांग से संबंधित दस्तावेज की तलाश करवाई। जिसके बाद 1874 का वह दस्तावेज मिला, जिसमें वर्तमान जसीडीह रेलवे स्टेशन का नाम बैद्यनाथ धाम रेलवे स्टेशन दर्ज था। लिहाजा जीएम ईस्टर्न रेलवे अरोड़ा ने सांसद निशिकांत दूबे को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा है कि दस्तावेज के आधार पर यह पुष्टि हुई है जिसमें 1874 में बैद्यनाथ धाम स्टेशन था। जीएम के पत्र में कहा गया है कि 1874 की कार्य समय सारणी में बैद्यनाथ स्टेशन दिखता है।

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उस वक्त यह स्टेशन जंक्शन नहीं था. वहीं 1884 की कार्य समय सारणी बैद्यनाथ जंक्शन के अस्तित्व को दर्शाती है। हालांकि, बैद्यनाथ स्टेशन 1874 में ही आसनसोल-मोकामा मेन लाइन पर था पर जंक्शन स्टेशन नहीं था।

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बैधनाथधाम स्टेशन होगा बैद्यनाथधाम सिटी

इस बाबत गोड्डा सांसद ने कहा है कि 1874 से 1884 तक जसीडीह स्टेशन का नाम बैद्यनाथधाम स्टेशन और बैद्यनाथधाम जंक्शन था। ऐसे में रेलवे की तरफ अपने दस्तावेज की जांच कर पुष्टि किए जाने के बाद अब जसीडीह का नाम बैद्यनाथधाम और वर्तमान में जो बैद्यनाथधाम स्टेशन है, उसका नाम बैद्यनाथधाम सिटी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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